सुपरस्टार रजनीकांत ने की राजनीती में एंट्री , इन कारणों से जनता कर सकती है उनका स्वाग से स्वागत
जयललिता की मौत के बाद तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा खालीपन आ गया है। रजनीकांत की सियासी पारी तमिलनाडु में जयललिता के जाने के बाद रक्त हुए स्थान को भरने का काम कर सकती है ।
जयललिता की मौत के बाद तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा खालीपन आ गया है। रजनीकांत की सियासी पारी तमिलनाडु में जयललिता के जाने के बाद रक्त हुए स्थान को भरने का काम कर सकती है ।
राजनीति में प्रवेश करने की सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए दक्षिण भारत के सुपरस्टार अभिनेता रजनीकांत ने अपने प्रशंसकों के सामने राजनीति में आने की घोषणा की । रजनीकांत किसी पार्टी को ज्वाइंन नहीं करेंगे बल्कि अपनी नई पार्टी बनाएंगे और उनकी पार्टी तमिलनाडु के आगामी विधानसभा चुनावों में सभी 234 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करेगी। सुपरस्टार रजनीकांत की राजनीति में आने की घोषणा के साथ ही उनके प्रशंसक जो उन्हें बतौर अभिनेता बड़े पर्दे पर भगवान की तरह पूजते है उनमें खुशी की लहर दौड़ गई है।
चेन्नई स्थित राघवेंद्र कल्याण मंडपम में फैंस से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि ,” मेरा राजनीति में आना तय है। मैं अब राजनीति में आ रहा हूं। यह आज की सबसे बड़ी जरूरत है। राजनीति की दशा काफी खराब हो गई है । सारे राज्य हमारा मजाक बना रहे हैं। अगर मैं राजनीति में नहीं आता हूं तो यह लोगों के साथ धोखा होगा । मैं नाम, पैसे या शोहरत के लिए राजनीति में नहीं आ रहा । तमिलनाडु की राजनीति में बदलाव का वक्त आ गया है। हम व्यवस्था को बदल देंगे। ”
सच्चाई, काम और विकास मेरी पार्टी का मूलमंत्र होगा । अगर राजनीति में आने के तीन साल के अंदर मैंने सारे वादे पूरे नहीं किए, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा ।
रजनीकांत के ऐलान के बाद बीजेपी राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- “रजनीकांत ने अभी सिर्फ पार्टी बनाने की घोषणा की है । राजनीति में एंट्री नहीं की ।उनके पास कोई डिटेल प्लान नहीं है । वह अशिक्षित हैं । सिर्फ मीडिया में आने के लिए ऐसा बोल रहे हैं । तमिलनाडु के लोग समझदार हैं ।”
वहीं दक्षिण के एक और सुपरस्टार कमल हासन रजनीकांत का राजनीती में आने का स्वागत किया । उन्होंने कहा , “मैं भाई रजनी को राजनीति में आने की बधाई देता हूं। उनका स्वागत है।”
जानकारों की मानें तो रजनीकांत ने सही समय पर राजनीती में आने का फैसला किया है । जयललिता की मौत के बाद तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा खालीपन आ गया है। जयललिता का कद इतना बड़ा था कि उस खालीपन को कांग्रेस , बीजेपी या DMK के लिए भरना कोई आसान काम नहीं था । जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके (AIADMK) के पास भी उनके जैसा कोई करिश्माई नेता नहीं है जो उनके बाद पार्टी को एक जुट रख सकता।
रजनीकांत की सियासी पारी तमिलनाडु में जयललिता के जाने के बाद रक्त हुए स्थान को भरने का काम कर सकती है । तमिलनाडु की राजनीति में फिल्मी सितारों का राजनीति में प्रवेश नया नहीं है। यहां की जनता का फिल्मी सितारों से भावनात्मक जुड़ाव रहा है । इससे पहले एमजी रामचंद्रन और जे. जयललिता ने भी सिल्वर स्क्रीन पर धमाल मचाने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी तक का सफर तय किया। ऐसे में यदि थलाइवा अम्मा के जगह पहुंचने में कामयाब रहे तो अधिक हैरानी की बात नहीं होगी। यह तो भविष्य ही बताएगा की क्या रजनीकांत तमिलनाडू के राजनीति में जयललिता के स्तर का कद्दावर नेता बन पाएंगे या नहीं ?